छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकार शिवकुमार दीपक जी ल सादर शब्दांजली..., लोककला के 'दीपक' शिवकुमार अलविदा

अंजोर
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अंजोर.ए। छत्तीसगढ़ी लोककला के 'दीपक' यानी शिवकुमार दीपक जी आज 91 बछर के उमर म दुनिया ले विदा होगे। मिले आरो के मुताबिक शिवकुमार दीपक के निधन 25 जुलाई के होगे अउ अंतिम संस्कार के कार्यक्रम उँकर गांव पोटिया कला म 26 जुलाई के राखे गे हावय। उँकर जाये के आरो पाके कलाजगत सन्न हावय। विधी के विधान के आगू सबो हारे हावय, छत्तीसगढ़ महतारी के सेवा उँकर भाग म अतकेच लिखाये रिहिस, फेर शिवकुमार दीपक जेन कला के ठउर म रिहिन ओकर कमी ल कोनो अऊ ह पूरा नइ करे सकय। भगवान ले इही अरजी हावय के शिवकुमार दीपक के आत्मा ल अपन श्रीचरन म ठउर देवय अउ हिरतु-पिरतु मयारूक मनला दुख सहे के बल देवय।

शिवकुमार साव अपन कर्म ले लोककला के 'दीपक' बनिस- 

शिवकुमार जी के 'दीपक' ह उपनाम आए। उँकर मूल नाम शिवकुमार साव आए अउ साहू गौरव होए के सेती ओमन अपन नाम के संग 'दीपक' लगाइन। दीपक के मतलब होथे प्रकाश करने वाला, सिरतोने म ओमन अपन नाम के अनुरूप कलाकारी ले प्रकाश बगराइस। वो कला जगत के अइसन सितारा रिहिन जेकर अंजोर ले न सिरिफ लोकमंच बल्कि सिनेमा तको जगमगइस। उंकर भीतर कला के सबो रस कूट-कूटके भरे रिहिस। नानपन ले गांव के रामलीला, अउ गम्मत म लोगन ल हँसाये के हुनर के संग ओमन हर उमर के जीवन ल रंगमंच म जियत रिहिस। इहां तक के ओमन के नारी-परानी के किरदार ल तको लोगन मन बहुत पसंद करिस।

शिवकुमार दीपक के लोककला मंच के सफर-

शिवकुमार दीपक ल नानपन ले कलाकारी के जुनून रिहिस। ओमन अपन गांव पोटिया कला म स्कूली पढ़ई के बखत ले ही अभिनय म उतरगे रिहिस। आगू के पढ़ई खातिर जब ओमन रायपुर म आइस तो इहां रंगमंच ले प्रभावित होइस। नाचा-गम्मत करत ओमन गांव के नामी गम्मतिहा होगे, तभे ठउका लोक कला मंच के सर्जक दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के नजर उँकर उपर परिस। तब ले ओमन दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के संग 'चंदैनी गोंदा' म काम करे लगिन। चंदैनी गोंदा के सफर ल दाऊ जी के चंदैनी गोंदा के विसर्जन के बाद खुमानलाल साव के संग तको जारी रखिस। शिवकुमार दीपक ह खुमानलाल साव के संग आखरी समय तक रिहिस। ये बीच ओमन कतकोन नाटक म अभिनय करिस। अक्खड़ गम्मतिहा शिवकुमार दीपक ल हास्य अभिनय म महारथ हासिल रिहिस, उँकर म मंच म आतेच ही दर्शक मनके हाँसी छूटे लागय। मंच ल ओमन कभू नइ छोडि़स जब तक के शरीर म ताकत रिहिस। 80 बच्छर के उमर म तको खांद म गांधी झोला लटकाये, हरदम टन्नक दिखय।

शिवकुमार दीपक के सिनेमा के सफर-

शिवकुमार दीपक जी जतका रंगमंच म सक्रिय रिहित ओतके सिनेमा म तको रिहिस। छत्तीसगढ़ी भासा के पहिली फिल्म 'कहि देबे संदेश' म तको ओमन शानदार काम करे रिहिस। ओमन बाद घरद्वार म तको ओमन के कलाकारी देखे बर मिलिस। छत्तीसगढ़ी सिनेमा के इतिहास म तब ले अब तक शिवकुमार दीपक ही अइसे कलाकार हे जेन तीन पीढ़ी के कलाकार मनके संग बुता करे हावय। मनु नायक जी जब छत्तीसगढ़ी फिलिम बनइस तव अपन संग पूरा टीम ल बम्बवई ले लाने रिहिस, कुछ ही कलाकार ओमन छत्तीसगढ़ के राखिस जेमा पहिली पंक्ति म शिवकुमार दीपक के नाम आथे।

येकर बाद कतकोन वीडियो एल्बम म शिवकुमार दीपक जी के अभिनय देखे बर मिलिस। लम्बा अंतराल के बाद जब फेर एक पइत छत्तीसगढ़ी सिनेमा लहुटिस तव शिवकुमार दीपक फेर ओमा रमगे। मया देदे मया लेले, परदेसी के मया, तोर मया के, मया देदे मयारू, मयारू भौजी, पठौनी के चक्कर, तीजा के लुगरा, तोर संग जीना संगी तोर संग मरना, छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा, महू दीवाना तंहू दीवानी, ए मोर बांटा, टुरी नंबर-1 जइसे फिलिम म हास्य भूमिका म ओमन शानदार अदाकारी करिस। सिनेमा वाले मन बताथे के शिवकुमार दीपक ह हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी के अलावा भोजपुरी उक म तको काम करे हावय। 

शिवकुमार दीपक के व्यक्तित्व-

शिवकुमार दीपक जी एक जिपरहा कलाकार रिहिस। केऊ पइत ओमन देह बने नइ रेहे म तको कार्यक्रम म चल देवय। मिलनसार अउ हंसमुख सुभाव के सेती ओमन हर कोनो ल अपन संगवारी बना लेवय। जइसे मंच म ओमन हंसावत रिथे ओइसने असल जिनगी म तको गम्मतिहा मिजाज के रिहिस। ओमन तो चंदैनी गोंदा के संग भारत के हिन्दी पट्टी के सबो राज्या म घुमे हावय। अनेक महोत्सव म ओमन संस्कृति विभाग कोति ले छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधत्व करत अलग-अलग जोन म कार्यक्रम दे खातिर गे हावय। चंदैनी गोंदा ह उंकर दूसर घर रिहिस। 

शिवकुमार दीपक जी अपन संगी कलाकार मनके संग कांही अनित देखके जूझ जाए। इही सुभाव खुमान गुरूजी के तको रिहिस, कई पइत ओमन सरकारी कार्यक्रम म अपन मुताबिक नीत-नियाव म ठोसलगहा गोठ करँय। एक कार्यक्रम के सुरता आवत हाबे जब ओमन के कार्यक्रम तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के सुवागत सभा रिहिस। अलग छत्तीसगढ़ राज्य बने के बाद प्रदेश के राजनेता मन अटल बिहारी वाजपेयी जी जोहार करे बर कार्यक्रम के आयोजन करे रिहिस। कुछ कारण से देरी होवत रिहिस, अऊ कलाकार मनके कोनो पुछइया-देखइया नइ रिहिस। ओ बखत शिवकुमार दीपक जी आवाज उठाये रिहिस। आयोजक मनके संग बहस तको होगे रिहिस। चंदैनी गोंदा के संग अउ बहुत अकन कलाकार मनके दल रिहिसे, सबो ह ओ दिन शिवकुमार दीपक के हौसला अउ उमर ल देखके दंग रहिगे। बाद म कार्यक्रम आयोजक मन क्षमा मांगिस। ये रकम ले शिवकुमार दीपक के जुझारूपन के सेती पूरा टीम म ओकर रौब रिहिस। इहां तक के जेन भी मनखे संग ओमन काम करिस, सदा-सदा बर ओकर परेमी होगे। 

शिवकुमार दीपक जी जेन बुता म जावय उहॉं ओमन ल कार्यक्रम के सेती अक्सर छुट्टी ले बर परय। अऊ शिवकुमार दीपक जी मनके कार्यक्रम सरलग तको चलय। तभो ले ओमन के संग म बुता करइया मन मदद करय अऊ अधिकारी मन तको शिवकुमार ल प्रोत्साहित करय। इही सेती ओमन अपन काम-बुता अउ कलाकारी म तालमेल जमा लेवय। 

शिवकुमार दीपक के महिला किरदार- 

छत्तीसगढ़ के कला अनुरागी मन तो जानतेच हावय के नाचा म कोनो महिला कलाकार नइ राहय, जनाना के किरदार ल तको पुरूष मन करथे। अऊ ये कला म शिवकुमार दीपक ल महारथ हासिल रिहिस। जवानी म कोनजनी कतका पान दिखत रिहिसे ते, फेर ठोकरा होए के बाद ओमन जिहा लुगरा पहिरतिच त कोनो गम नइ पातिच के ठोकरा आए या ठोकरी। ओमन के ‘कचरा-बोदरा’ के किरदार लोगन मन बहुत पसंद करथे।

शिवकुमार दीपक अउ कमल नारायण सिन्हा जी मनके जोड़ी यानी कचरा-बोदरा ल अक्सर लोगन मन सुरता करथे। अउ चप्पल के जोड़ी वाले डायलॉक तो का लइका-सियान सबो के जुबान म हावय। हांसी के शानदार बानगी ‘कचरा-बोदरा’ म देखे बर मिलय, फेर उँकर जोड़ी म कमल नारायण सिन्हा के पहिली ले ही निधान होए के बाद विराम लगगे। ‘कचरा-बोदरा’ गम्मत ल आन कलाकार मन मंच म आजों खेलथे फेर ओ बात नइ राहय। शिवकुमार दीपक जी मंच म ही नहीं बल्कि सिनेमा म तको महिला किरदार करे हावय। उंकर एकक संवाद लोगन ल आज भी याद हावय, रील्स अउ आन वीडियों म उँकर संवाद अदायगी के रस दिखथे।    

शिवकुमार दीपक ल मिले सम्मान- 

सम्मान के बात करे जाए तो जइसे हर छत्तीसगढि़या कलाकार मन उपेक्षा के शिकार होए हे ओइसने शिवकुमार दीपक के संग तको होइस हावय। जब जेन मिलना रिहिस तेन नइ मिलिस। हॉं लेकिन जनता-जनार्दनमन जेन सम्मान उनला दीस तेकर कोनो मुकाबला नइये। अनेक लोकोत्सव, महोत्सव अउ सिनेमा अवार्ड ले सम्मानित होए के बाद छत्तीसगढ़ शासन कोति ले 2020 म शिवकुमार दीपक जी ल दाऊ मंदराजी सम्मान ले अलंकृत करे गिस। अऊ अनगिनत सांस्कृतिक संस्था उनला सम्मातिन करके सवांगे गौरवांतित होए हावय।     

शिवकुमार दीपक जइसे जीपरहा कलाकार के दुनिया ले जाना कला जगत बर बड़का क्षति आए। अब के जाए ले जब अऊ कोनो कलाकारी के दीपक नइ होवय, फेर उंकर सुरता सदा-सदा बर उम्मर रइही। उंकर परंपरा हमेशा जिंदा नइही। हास्य के बड़का कलाकार ल रोवासी मन ले सुरता करना बने नोहय। बल्कि उंकर कृति ले उनला विदाई देबो। जइसे के ‘कचरा-बोदरा’ म ओमन कहावय के जोड़ी गवांगे, जोड़ी गवांगे...। ओ जोड़ी काके रिहिस? अवइया पीढ़ी जरूर ल बताना जरूरी हे। जाती-बिराती शिवकुमार दीपक जी सादर नमन...।
जयंत साहू, डूण्डा- रायपुर छ.ग.

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