National Deworming Day : 29 अगस्त के 1 ले 19 साल तक के सबो लइका मन खाही कृमि के दवई

अंजोर
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छत्‍तीसगढ़ी़ समाचार अनुवादक जयंत साहू

छत्तीसगढ़ म 29 अगस्त 2024 ले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के आयोजन करे जात हावय। प्रदेस के 1 साल ले 19 साल के सबो लइका अउ किशोर-किशोरी मनला आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय, स्वास्थ्य केन्द्र, म कृमि के दवा के सेवन कराइन जाही। लइका अउ किशोर मनके अच्छा स्वास्थ्य, बढि़या पोषण,नियमित शिक्षा तक पहुंच अउ जिनगी के गुणवत्ता म बढ़ोत्तरी के खातिर कृमिनाशक दवा देना जरूरी हावय।
शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. व्ही.आर. भगत ह बताइन के प्रदेस म 1 ले 19 साल के 1 करोड़ 7 लाख 97  हजार लइका अउ किशोर-किशोरियों ल कृमिनाशक दवा खिलाने के लक्ष्य रखे गे हावय। ओमन बताइन के स्कूल म शिक्षक मन डहर ले अउ आंगनबाड़ी केन्द्र म आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डहर ले कृमिनाशक दवा एल्बेन्डाजॉल 400 एमजी के दवा के सेवन कराइन जाही। 04 सितम्बर 2024 ल मॉप-अप दिन के आयोजन करिन जाही जेमा दवा सेवन ले छूटे होइस लइका अउ किशोरों ल दवा सेवन कराइन जाही। येकर ले उंकर स्वास्थ्य अउ पोषण के स्तर, एनीमिया के रोकथाम, बौद्धिक विकास अउ स्कूल म उपस्थिति म सुधार आही।

शिक्षक अउ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डहर ले कृमिनाशक दवा एल्बेन्डाजॉल के सेवन करा के कृमि रोकथाम करिन जाही जेमा 01 साल ले 02 साल के लइका ल आधी गोली (पीसकर), 02 ले 03 साल के लइका ल एक गोली (पीसकर), 03 ले 05 साल के लइका ल एक गोली चबाके, 06 ले 19 साल के लइका अउ किशोर-किशोरी ल एक गोली चबाकर पानी के संग खिलाई जाही।

डॉ. भगत ह बताइन के कृमिनाशक दवा के सेवन बच्चों, किशोर अउ किशोरी के खातिर पूरा रकम ले सुरक्षित हावय। लइका के शरीर म कृमि के सेती कुछ सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जइसे जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट म हल्का पीरा अउ थकान के अनुभव हो सकत हावय। येकर अकताहा जेन लइका ल तीव्र कृमि संक्रमण होवत  हावय, ओला आमतौर म कुछ अस्थायी प्रभाव तको हो सकत हावयं, जेला आसानी ले स्कूल अउ आंगनबाड़ी केन्द्र म ही देखभाल करत ठीक करे जा सकत हाबे। लइका अउ किशोर म ये लक्षण पाए जाये म ओला पीने के साफ़ पानी दें अउ ओला अपन निगरानी म रखें।

कृमि के दवा साल म दू बार देना आवश्यक

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिन म स्कूल अउ आंगनबाड़ी केंद्र म लइका ल एक-एक अल्बेंडाजोल के टेबलेट खिलाई जाही। अइसे लइका अउ किशोर-किशोरी जेन स्कूल नइ जाथे उन म तको बिसेस धियान दे जाही। विशेषज्ञ के मुताबिक पेट म कृमि होए के कई रकम ले के समस्या हो सकत हावय। अइसे लक्षण के प्रति माता-पिता ल जागरूक रहना चाही। कृमि के सेती लइका के पढ़ाई म मन नइ लागत अउ खाना म रूचि घटती हावय। लइका जादा भोजन करही, फेर शरीर म नइ लगही। अल्बेंडाजोल के गोली खिलाये ले लइका एनीमिया के शिकार होए ले बच सकत हावयं। येकर ले मानसिक तनाव ले छुटकारा मिलत हावय अउ लइका के स्वास्थ्य अच्छा रहय हावय। मानसिक अउ शारीरिक विकास के खातिर 01 ले 19 साल तक के लइका ल कृमिनाशक दवा खिलाना जरूरी हावय।

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