छत्तीसगढ़ी समाचार अनुवादक जयंत साहू
अभी के बेरा म धान के खेत म तना छेदक कीट के आक्रमण दिखत हावय। ए कीट के इल्ली अवस्था, फसल ल नुकसान पहुंचात हावय ए कीट के चार आवस्था हाथे अण्डा, इल्ली, शंखी अउ तितली। मादा तितली पत्ता के नोंक के पास समूह म अंडा देथे। अंडा ले इल्ली निकलथे जेन हल्का पीला रंग के हाथे इल्ली निकले के बाद, इल्ली पहिली पत्ता ल खाथे धीरे-धीरे गोभ के भितरी प्रवेश करत हावय जेकर ले पौधा के बढ़वार रूक जात हावय।
कीट पौधा के गोभ के तने ल खल्हे ल काट देत हावय जेकर ले धान के पौधा के बीच वाला हिस्सा सूख जाथे जेला मृत गोभ (डेड हार्ट) कहत हावय फेर ए कीट के प्रकोप बाली निकले के समय होवत हावय। जेकर ले फसल ल भारी नुकसान होवत हावय। जेकर ले बाली म दाना के भराव नइ हो पाता हावय अउ बाली सूख करके सादा रंग के हो जात हावय। जेला सादा बालियां (व्हाइट हेड) कहत हावयं प्रभावित बालियों ल खीचने म आसानी ले बाहिर निकल जाथे।
तना छेदक कीट के रोकथाम के खातिर प्रभावी उपाय:-
- रोपाई करत समय पौधा के ऊपरी भाग ल थोड़ा सा काटके रोपाई करें।
- खेत अउ मेड़ ल खरपतवार मुक्त रखें।
- संतुलित अकन म पोषक तत्व के उपयोग करें।
- खेत के समय-समय म निगरानी करें अउ अण्डा दिखे म नष्ट कर दे।
- खेत म चिड़िया के बइठे के खातिर टी आकार के चिरई मिनार लगाए।
- नर तितली ल आकर्षित करे के खातिर फेरोमोन ट्रैप लगाए।
- रतिहा चर कीट ल धरे के खातिर प्रकाश प्रंपच या लाइट खेत म लगाए।
- अण्ड परजीवी ट्राइकोग्रामा जॉपोनिकम के 50000 अण्डे प्रति हेक्टेयर के दर ले 2.3 बार खेेत म छोड़े। वो समय रासायनिक कीटनाशक के स्प्रै नी करें।
- नीम अजेडीरेक्टीन 1500 पी पी एम के 2.5 लीटर प्रति हेक्टयर के दर ले प्रयोग करें।
- दानेदार कीटनाशक के छिड़काव गभोट वाला हालत ले पहिली करे चाही।
- बरसात रूके अउ मौसम खुला होए म कोनो एक कीटनाशक के प्रयोग करें।
- क्लोरेटानिलिप्रोएल 0.4ः जी आर 10 किलो प्रति हेक्टेयर या क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. 1250 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या कर्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50ः एस.पी. 1000 गांव प्रति हेक्टेयर या क्लोरेटानिलिप्रोएल 18.5ः एस.सी. 150 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या फिप्रोनिल 5 परतिसत एस.सी. 1000.1500 मि.ली.प्रति हेक्टेयर या फ्लूबेंडामाइड 20 परतिसत डब्ल्यू. जी. 125 गांव प्रति हेक्टेयर के उपयोग करके प्रभावी रोकथाम करके सकत हावयं।
- ठीक न होए म 15 दिन बाद आन कीटनाशक के छिड़काव करें। अउ जादा जानकारी के खातिर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अउ कृषि विभाग के अधिकारी मनसे संपर्क करके ही रासायनिक दवई के उपयोग करें।
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