वाचिक परंपरा के मूर्धन्य साहित्यकार विट्ठल राम साहू 'निश्छल' के निधन

अंजोर
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ठेठ छत्तीसगढ़ी म कहानी, निबंध अउ हास्य बियंग ले छत्तीसगढ़ी साहित्य ल सजोर करइया सियनहा साहित्यकार विट्ठलराम साहू जी के आज निंधन होगे। अपन निवास टिकरापारा रायपुर म 9 सितंबर के ओमन आंखरी सांस लिस। विट्ठल राम साहू जी अपन उपनाम 'निश्छल' राखे रिहिस। सिरतोन म अपन नाव के अनुरूप ही ओमन निश्छल रिहिन, जेन बाहिर ले दिखे उही ​​भीतर ले तको रिहिस। अपन सिरजन काल म मौहारीभाठा महासमुंद म रिहिस। 
मास्टरी के नौकरी करत ओमन महासमुंद, रायपुर, धमतरी के कई ठी संस्था ले जुरे रिहिन। विट्ठल राम साहू जी डॉ. बलदेव साव जी ल अपन गुरू मानय। ओमन खास करके कहानी, निबंध अउ हास्य बियंग म कलम चलाइन। ओमन के लेखन म ठेठ शब्द मनके जादा उपयोग देखे कर मिलथे। जइसे ओमन सुने वोइसने लिखे। केउ पइत इही विधा के सेती आलोचक मनले मुहांचाही होते राहय। 'निश्छल' जी के कहानी, निबंध, बियंग सबो म वाचिक परंपरा के छाप दिखथे। 
15 दिसंबर 1946 के टिकरापारा रायपुर म जन्मे विट्ठल राम साहू 'निश्छल' 9 सितंबर 2024 के ए दुनिया ले विदा होगे। सबो छत्तीसगढ़ी साहित्यकार मन कोति ले 'निश्छल' जी ल सादर नमन।
साहित्यकार विट्ठल राम साहू 'निश्छल' के प्रकाशित कृति के कुछ अंश आप सबो बीच हावय, जरूर पढ़व। 

लेखक का पूरा परिचय-

नाम- विट्ठल राम साहू
पिता का नाम- श्री डेरहा राम साहू
माता का नाम- श्रीमती तिजिया बाई साहू
शिक्षा- एम.ए. ( समाजशास्‍त्र व हिन्‍दी )
संतति- सेवानिवृत्‍त प्रधानपाठक महासमुंद छत्‍तीसगढ़
प्रकाशित कृतियां- 1. देवकी कहानी संग्रह, 2. लीम चघे करेला, 3. अपन अपन गणतंत्र
पता- टिकरा पारा रायपुर, छत्‍तीसगढ़

यहां पढ़े ऑनलाइन पूरी किताब-

अनुक्रमांक

1. अथ सिरिमोबाइल कथा
2. गेस सलेंडर लानव-पति नंबर वनकहावव
3. वाह रे गोंदली! तोर महिमा हेअपरमपार
4. अब महूं हयसियत वाला होगेव
5. संपत अउ बिपत म भगवान
6. मास्टर के डाढ़ही
7. पत्नी पीड़ित संघ
8. अइसन सगा मन ले भगवान बचाए
9. कुंआरी कुंआरा संघ
10. नावा सिरिसटी
11. मेरिट म नई अइस तेखर पीरा
12. मोर सुआरी परान पीयारी
13. अपन-अपन गनतंत्र 
14. गनपति महराज 
15. अपन बड़ई सुनई मांहगा परगे 
16. दमाद बाबू 
17. तोला मिरचा लागिस 
18. पढ़ंता लइका के चिट्ठी गुरूजीके नांव 
19. एक सुआरी ब्रता 
20. हमर मांग पूरा करव 
21. चोर अमागे 
22. जब मैंहा रिटायेर होएंव  
23. चोर के नाव मोर पाती 
24. हांसी गर के फांसी 
25. मइके जाय के तियारी 
26. लोगन के कुकुर परेम 
27. बसंत आगे फागुन आगे 
28. निन्नानबे के फेर 
29. कूंवा के बेंगवा 
30. भुलऊ महराज के भविसवानी  
31. बरात के सुख
32. चुनई जीते के जुलूस 
33महंगई उन्नति के चिन्हारी     
संकलनकर्ता
जयंत सा​हू 

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