छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव म जन्मे बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता/निर्माता/निर्देशक/लेखक किशोर साहू के जीवनी

अंजोर
0

 


22 नवंबर 1915 के छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव म जन्मे किशोर साहू भारतीय सिनेमा के बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व हावय। फिलिम लेखक, नायक, निर्माता अउ निर्देशक के दुनिया के महानायक किशोर साहू ह 22 फिलिम म अभिनेता अउ 20 फिलिम के सफल निर्देशन करिन। ओमन बॉम्बे टॉकीज के मशहूर अभिनेत्री देविकारानी के संग बतौर अभिनेता फिल्मी करियर के शुरुआत करिस। रीयूनियन, सिंदूर, राजा, कुंवारा बाप, मयूरपंख, बुजदिल, सपना, कालीघाट, हेलमेट, सावन आये रे उक म ओमन के जबर भूमिका रिहिस।
विश्व के प्रतिष्ठित कॉन फिलिम फेस्टिवल के खातिर फिलिम मयूर पंख के चयन। अपन दौर के चर्चित फिलिम कामिनी कौशल के भूमिका म दिलीप कुमार के संग 1948 म छत्तीसगढ़ी वेशभूषा, संवाद अउ गीत मन ल जीवंत करके नवा युग के शुरुआत के नेव रखीस। सिंदूर, सबले बढि़या फिलिम अउ सबले बढि़या निर्देशक के रूप म फिलिम ल सम्मानित करे गिस। कालीघाट, बुजदिल, साजन, दिल अपन अउ प्रीत पराई, पूनम के रात, हरी कांच के चूड़ियां जइसे फिलिम के पटकथा लेखन, निर्माण अउ निर्देशन म किशोर साहू के प्रतिभा, मौलिकता अउ समर्पण छत्तीसगढ़ के अस्मिता के पहचान के प्रतिरूप हावय। उंकर प्रेरक गतिविधी ल धियान म रखत छत्तीसगढ़ सरकार ह हिंदी/छत्तीसगढ़ी सबले बढि़या फिलिम निर्देशक अउ सिनेमा म सृजनात्मक, लेखन, अभिनय, पटकथा अउ निर्माण के खातिर किशोर साहू पुरस्कार के स्थापना करे गे हावय।
किशोर साहू एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक अउ निर्माता रिहिस। किशोर साहू ह 1937 ले 1980 के बीच 22 फिल्म म दिखिस अउ ओमन 1942 ले 1974 के बीच 20 फिल्म के निर्देशन करिस। सिनेमा के दुनिया म अपन बड़का छाप छोड़े के ओमन 22 अगस्त 1980 के दुनिया ले बिदा होगे।

किशोर साहू के बड़का बूता-

उंकर निर्देशन म बने फिल्म कुंवारा बाप 1943 के सर्वश्रेष्ठ फिल्म खातिर बीएफजेए- सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म पुरस्कार के विजेता म एक रिहिस। इही रकम ले फिल्म राजा ल "मोशन पिक्चर्स म कला अउ कौशल के एक मील के पत्थर" कहे गिस। किशोर साहू के फिल्म वीर कुणाल बॉक्स ऑफिस म बड़ सफल रहिस। ओमन नदिया के पार म कामिनी कौशल के संग दिलीप कुमार के निर्देशन करिस, जेन 1948 के छठवां सबसे ज्यादा कमाई करने वाला भारतीय फिल्म बन गिस। उंकर 1954 के फिल्म मयूरपंख ल 1954 के कान फिल्म फेस्टिवल म शामिल करे गे रिहिस जिहां एला फेस्टिवल के ग्रैंड पुरस्कार खातिर नामांकित करे गे रिहिस। 

किशोर साहू के परिवार- 

किशोर साहू के चार लइका होइन, विमल साहू, नैना साहू, ममता साहू अउ रोहित साहू। उंकर पत्नी के नाम प्रीति रिहिस जेन कुमाऊँनी ब्राह्मण रिहिस। बताये जाथे के प्रीति ले बिहाव ले पहिली ओमन ‘पुनर्मिलन’ के अपन सह-कलाकार स्नेहप्रभा प्रधान ले तको बिहाव करे रिहिस फेर कुछ दिन बाद अदालती लड़ाई के बाद ये रिश्ता खत्म होगे।

किशोर साहू अभिनित फिल्म के जानकारी

  • जीवन प्रभात
  • बहुरानी
  • पुनार मिलन
  • कुंवारा बाप
  • राजा
  • शरारत
  • इंसान
  • वीर कुणाल
  • सिंदूर
  • सावन आया रे
  • रिमझिम
  • नमूना
  • काली घटा
  • बुज़दिल
  • ज़लज़ला
  • सपना
  • हमारी दुनिया
  • मयूरपंख
  • छोटा गांव
  • बरे सरकार
  • काला पानी
  • शिमला में प्यार
  • काला बाज़ार
  • मार्गदर्शक
  • पूनम की रात
  • बेटी
  • पुष्पांजलि
  • जुआरी
  • हरे राम हरे कृष्ण
  • वकील बाबू

किशोर साहू के निदेशक के रूप बनाये फिल्म के जानकारी-

  • कुंवारा बाप (1942)
  • राजा (1943)
  • शरारत (1944)
  • वीर कुणाल (1945)
  • सिंदूर (1947)
  • साजन (1947)
  • नदिया के पार (1948)
  • सावन आया रे (1949)
  • काली घटा (1951)
  • मयूरपंख (1954)
  • हेमलेट (1954)
  • किस्मत का खेल (1956)
  • बरे सरकार (1957)
  • दिल अपना और प्रीत पराई (1960)
  • ग्रहस्ति (1963)
  • घर बसाके देखो (1963)
  • पूनम की रात (1965)
  • हरे कांच की चूड़ियां (1967)
  • पुष्पांजलि (1970)
  • धुएं की लकीर (1974)

किशोर साहू के लिखे फिल्म के जानकारी-

  • मयूरपंख-पटकथा
  • दिल अपना और प्रीत पराई-कहानी
  • हरे कांच की चूड़ियां-संवाद, पटकथा, कहानी
  • औरत-वार्ता
  • तीन बहुरानियाँ-पटकथा
  • पुष्पांजलि-पटकथा, कहानी, संवाद
  • अपनापन

किशोर साहू के कोति ले निर्मित फिल्म के जानकारी-

  • बहुरानी (1940)
  • सावन आया रे (1949)
  • हमारा घर (1950)
  • काली घटा (1951)
  • मयूरपंख (1954)
  • पूनम की रात (1965)
  • हरे कांच की चूड़ियां (1967)
  • पुष्पांजलि (1970)
स्रोत- विकीपिडिया, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन, डीपीआरसीजी
संकलन- जयंत साहू














एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !