भगवान बिरसा मुण्डा के सुरता म 15 नवंबर ले छत्तीसगढ़ के हर जिला म मनाये जाही ’जनजातीय गौरव दिवस’

अंजोर
0
भगवान बिरसा मुण्डा के सुरता म 15 नवंबर ले छत्तीसगढ़ के हर जिला म मनाये जाही ’जनजातीय गौरव दिवस’



भगवान बिरसा मुण्डा के जयंती के मउका म 15 नवंबर ले छत्तीसगढ़ के हर जिला म ’जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने के घोसना मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ह करे हावय। ओमन किहिन के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह 15 नवंबर ल भगवान बिरसा मुण्डा के सुरता म जनजाति गौरव दिवस मनाने के फइसला लिस हावय। ए साल भगवान बिरसा मुण्डा के 150वीं जयंती हावय। छत्तीसगढ़ म तको एला बड़का रूप ले मनाये जाही। मुख्यमंत्री ह राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस म ’जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत, ऐतिहासिक, सामाजिक अउ आध्यात्मिक योगदान’ विषय म आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ल संबोधित करत रिहिस। कार्यक्रम के अध्यक्षता वन मंत्री केदार कश्यप ह करिस। विधायक भईयालाल राजवाड़े बिसेस पहुना के रूप म कार्यक्रम म मौजूद रिहिस।

मुख्यमंत्री ह किहिन के जनजाति समाज के गौरवशाली इतिहास रिहिन हावय। ये सोचके गर्व होवत  हावय के केऊ महान स्वतंत्रता सेनानी के जनम जनजाति समाज म होइस। अपन देश के खातिर संघर्ष करे के परम्परा जनजाति समाज म सुरू ले रेहे हावय। शहीद वीर नारायण सिंह, गैंदसिंह, गुण्डाधूर जइसे केऊ महान नायक ह अपन बलिदान दीस। मुख्यमंत्री ह किहिन के पूरा दुनिया आज जलवायु बदलाव के गंभीर चुनौती ले गुजरत  हावय। अइसे म प्रकृति के संरक्षण बहुत जरूरी हावय। जनजाति समाज ह हमन ल प्रकृति के संरक्षण के रद्दा देखाये हावय, जेन आज तको अनुकरणीय हावय। जनजाति समाज म प्रकृति के पूजा के जात हावय। पूर्वीं छत्तीसगढ़ म साल के पेड़ म जब फूल आते हावय त सरहुल परब मनाये जाथे।

मुख्यमंत्री ह किहिन के जनजाति संस्कृति म गहरी आध्यात्मिकता छिपे हावय। प्रकृति ल सहेजके, प्रकृति के अनुकूल जिनगी जीना। बड़े-छोटे, स्त्री-पुरुष म कोनो रकम ले के भेदभाव नहीं। सब बराबर हावयं अउ प्रकृति के भेंट सबके खातिर हावय। ये बात हमन ल ए समाज ले सीखे के जरूरत  हावय। वास्तव म जिनगी जीने के कला जनजाति समाज ले सीखनी चाही। जनजाति समाज म दहेज जइसे सामाजिक बुराई के अस्तित्व नइ हावय। भगवान बिरसा मुण्डा के शौर्य हमन ल हमेशा जिनगी म साहस के रसता दिखात हावय। ओमन शोषण मुक्त समाज के सपना देखे रिहिस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह उही के परिकल्पना के मुताबिक प्रधानमंत्री जनमन योजना सुरू करके बिसेस पिछड़ी जनजाति के लोगन के जिनगी म समृद्धि लाने के प्रयास करिन हावय। प्रधानमंत्री काली हजारीबाग ले प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत गांव अभियान के सुरू करही, जेमा जनजाति बहुल 63 हजार गांव के 5 करोड़ ले जादा लोगन लाभान्वित होही।

मुख्यमंत्री ह किहिन के जनजाति लोगन कभू दिखावा नइ करे, उंकर सरलता-सहजता मन मोह लेत हावय। जनजाति समाज के खानपान के शैली बीपी-शुगर जइसे लाइफ स्टाईल ले जुरे बीमारी ले दूरिहा रखत हावय। ओमन उच्च शिक्षा विभाग डहर ले ’जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत म आयोजित ये कार्यशाला जनजाति समाज के गौरव ल पूरा समाज के आगू लाने म मील के पथरा साबित होही।

वन मंत्री केदार कश्यप ह कार्यक्रम के अध्यक्षता करत  किहिन के देश के स्वतंत्रता संग्राम म जनजाति समाज के बहुत बड़ा योगदान रिहिन हावय। ए समाज म केऊ महामानव ह जनम लिस जेन मन 1857 क्रांति के पहिली ही अंग्रेज के विरूद्ध संघर्ष के सुरू करिस। स्वतंत्रता संग्राम के बखत अंग्रेज ल बड़ा नुकसान जनजाति क्षेत्र म होइस, केऊ मउका म ओला मजबूर होके पाछु हटना परिस। कश्यप ह किहिन के अंग्रेज ह जब बस्तर म रेल लाईन बिछाने के काम सुरू करिन ओमा लकड़ी के उपयोग करे जात रिहिस। जनजाति समाज ह येकर विरोध करिन अउ ये भाव जताइस के हमर जंगल कोनो नइ काटे। सामाजिक एकजुटता के सेती बहुत कुछ संरक्षित रिहिन। ओमन किहिन के आज करे जात आयोजन के माध्यम ले इतिहास के पन्नों म दर्ज जनजाति समाज के गौरव के गाथा हमर आने वाला पीढ़ी तक पहुंचे म मदद मिलही। ओमन किहिन के बस्तर दशहरा सामाजिक समरसता के सबले बड़ा परमान हावय। ए समाज म 80 परतिसत परिवार समिलहा परिवार हावय। मिलेट के उपयोग, जैविक खेती जइसे केऊ बात जनजाति समाज ले शिक्षित समाज ल सीखे के आवश्कता हावय।

स्वागत भासन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ह दीस। बनवासी विकास समिति के अखिल भारतीय युवा बुता प्रमुख वैभव सुरंगे ह स्वतंत्रता संग्राम म जनजाति समाज के योगदान म विस्तार ले प्रकाश डाला। ओमन किहिन के जनजाति संस्कृति म केऊ प्रगतिशील परम्पराएं हावयं। भगवान ले ये कुछ नइ मांगत। बनवासी विकास समिति के सचिव डॉ. मया जैन ह किहिन के जनजाति समाज के गुमनाम महानायक के योगदान ले नवा पीढ़ी ल परीचित कराये के जरूरत हावय। कार्यक्रम म बनवासी विकास समिति के प्रांताध्यक्ष उमेश कश्यप विश्व स्कूल के कुलपति अउ प्रबुद्ध नागरिक बड़े संख्या म मौजूद रिहिस। मुख्यमंत्री सहित पहुना मन ह ए मउका म जनजाति समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी म केंद्रित प्रदर्शनी के अवलोकन करिन।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !