प्रवर्तकता अउ मिशन वात्सल्य कार्यक्रम के तहत 18 साल ले कम उमर के लइका ल चिकित्सा, शिक्षा अउ पोषण के खातिर हरेक महीना मिलही 4 हजार रूपिया

अंजोर
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प्रवर्तकता अउ मिशन वात्सल्य कार्यक्रम के तहत 18 साल ले कम उमर के लइका ल चिकित्सा, शिक्षा अउ पोषण के खातिर हरेक महीना मिलही 4 हजार रूपिया



छत्‍तीसगढ़ी समाचार अनुवादक जयंत साहू
एकीकृत बाल संरक्षण योजना, मिशन वात्सल्य महिला अउ बाल विकास विभाग ले प्रवर्तकता कार्यक्रम के तहत 18 साल ले कम उमर के देख-रेख अउ संरक्षण के जरूरत वाला लइका ल चिकित्सकीय, पोषण, व्यावसायिक प्रशिक्षण अउ शैक्षिक जरूरत ओं के पूर्ति बर परिवार ल अनुपूरक मदद के रूप म धन रकम दे जाना हावय, जेकर ले लइका के जिनगी स्तर के गुणवत्ता म सुधार हो सके अउ बालक के सर्वाेत्तम हित सुनिश्चित करे जा सके।

महिला अउ बाल विकास विभाग ले मिले जानकारी के मुताबिक किशोर न्याय (बालक के देखरेख अउ संरक्षण) अधिनियम, 2015 यथा संशोधित 2021 के एक प्रमुख मार्गदर्शी सिद्धांत ये हावय के कोनो लइका ल आखरी उपाय के रूप म संस्थागत देखरेख म रखे जावे। परिवार अउ पारिवारिक वातावरण लइका के सर्वांगीण विकास के खातिर सबले जादा अनुकूल होवत  हावय। लइका के पुनर्वास अउ समाज म एकीकरण के खातिर परिवार अउ समुदाय आधारित विकल्प म प्रवर्तकता (स्पॉसरशिप) के प्रावधान रखे गे हावय। जेकर तहत प्रवर्तकता बर पात्र लइका के शिक्षा, पोषण अउ स्वास्थ्य संबंधी जरूरत ल पूरा करे के खातिर 4 हजार रूपिया हरेक महीना के वित्तीय मदद दे के जात हावय।

प्रवर्तकता के निवारक अउ पुनर्वास 02 श्रेणी हावय। निवारक श्रेणी म जैविक परिवार म निवासरत बालक ल परिवार म बने रहने, शिक्षा, पोषण अउ स्वास्थ्य संबंधी जरूरत के पूर्ति के खातिर 4 हजार रूपिया हरेक महीना के आर्थिक मदद दे जाथे ताकि वो बेघर, बालश्रम, बाल विवाह, पलायन उकके खातिर मजबूर न हो। जिला बाल संरक्षण इकाई डहर ले अइसे परिवार या लइका के चिन्हांकन सामाजिक कार्यकर्ता, आऊटरीच वर्कर, स्वयं सेवक, वार्ड समिति या गांव पंचायत के मदद ले करे जाथे।

पुनर्वास श्रेणी ले अइसे लइका ल 4 हजार रूपिया हरेक महीना के आर्थिक मदद दे जात हावय, जेन परिवार के आर्थिक कमीके सेती मिशन वात्सल्य के तहत संचालित बाल देखरेख संस्था मन म निवासरत हावय, ओला आर्थिक मदद दे करके परिवार म पुनर्वासित करे जाथे। निवारक प्रवर्तकता के तहत समुदाय म निवासरत अइसे लइका जेकर माता-पिता के मउत हो चुके हावय अउ विस्तारित परिवार के देखरेख म रिथे। एकल माता-पिता के बच्चे, विशेषकर विधवा या तलाकशुदा या परिवार डहर ले परित्यक्त महतारी के बच्चा। माता-पिता डहर ले परित्यक्त बच्चा, जेन विस्तारित परिवार के देखरेख म रिथे। अइसे बच्चे, जेकर माता-पिता जेल म हो। अइसे लइका जेकर माता-पिता अक्षम या लइका के देखभाल करे म आर्थिक अउ शारीरिक रूप ले असमर्थ हो। अइसे लइका जेकर माता-पिता गंभीर बीमारी ले पीड़ित हावय। किशोर न्याय (बालकों के देखरेख अउ संरक्षण) अधिनियम 2015 यथा संशोधित 2021 के मुताबिक देखरेख अउ संरक्षण के जरूरत  वाला लइका जइसे बेघर, प्राकृतिक आपदा के शिकार, बालश्रम, बाल बिहाव के शिकार, अवैध मानव परिवहन करे गे बच्चे, एचआईवी, एड्स प्रभावित बच्चे, निःशक्त बच्चा, गुमशुदा या भागे होइस बच्चे, बाल भिक्षुक या सड़क म रेहे वाला बच्चा, प्रताडित या शोषण करे गे बच्चे। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के हितग्राही लइका ये सबो श्रेणी के लइका 4 हजार रूपिया प्रति महीना आर्थिक मदद मिले के पात्र हावय।

प्रवर्तकता के तहत आर्थिक मदद करे के खातिर परिवार के वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र के खातिर 72 हजार रूपिया हरेक साल अउ आन क्षेत्र के खातिर 96 हजार रूपिया हरेक साल ले जादा नइ होना चाही। प्रवर्तकता कार्यक्रम के तहत मिले वाला आर्थिक मदद 18 साल तक के उमर पूरा होए तक मिल सकत हावय।

प्रवर्तकता कार्यक्रम के क्रियान्वयन जिला बाल संरक्षण ईकाई डहर ले करे जाथे। प्रवर्तकता बर पात्र लइका के चिन्हांकन जिला बाल संरक्षण इकाई डहर ले करे जाथे। संग ही चाइल्ड हेल्पलाईन (1098), जिला बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारी, क्षेत्रीय बाल संरक्षण समिति मन या कोनो प्रबुद्ध नागरिक डहर ले तको बालक के चिन्हांकन करे जा सकत हाबे।

प्रत्येक जिला म बाल कल्याण समिति अउ प्रवर्तकत्ता अउ पालन पोषण देखरेख अनुमोदन समिति गठित हावय। प्रवर्तकता प्रकरण मिले या जरूरतमंद बालक या परिवार के आवेदन मिले होए म मिशन वात्सल्य योजना के तहत करार प्रक्रिया के पालन करके जिला मजिस्ट्रेट डहर ले प्रवर्तकता के मंजूरी दे जाथे अउ बाल कल्याण समिति डहर ले स्थापन आदेश जारी करे जाथे। बाल कल्याण समिति के स्थापन आदेश बाद बालक के नाम म बैंक खाता खोला जाथे । जेकर संचालन समिति के आदेश म नाम निर्दिष्ट मनखे के डहर ले करे जाथे अउ बालक के बैंक खाते म हरेक महीना जिला बाल संरक्षण समिति डहर ले रकम अंतरित के जात हावय।

प्रवर्तकता के संबंध म जादा जानकारी अउ आवेदन पाती मिले करे के खातिर संबंधित जिला के जिला बाल संरक्षण इकाई ले संपर्क करे जा सकत हाबे।

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