छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के जलसा म साहित्यकार सुशील भोले के कृति 'कोंदा भैरा के गोठ' के विमोचन माई पहुना मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पूर्व मंत्री अउ रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के हाथ ले होइस। जानबा होवय के छत्तीसगढ़ी के ठोस अउ बड़का कलमकार सुशील भोले जेकर 'कोंदा भैरा के गोठ' दैनिक कालम के सोशल मीडिया म घातेच मुंहाचाही होए हावय। ओमन रोजेच नवा-नवा पै के फरिफरा करत जबर गुनान करे लइक विसय ल सफा सफा पाठक मनके बीच परोसय। ये नवाचारी उदीम 'कोंदा भैरा के गोठ' ह केउ ठी अखबार अउ पत्रिका म छापय तको। सोशल मीडिया म चर्चा के विसय बने तेन अलग। उही 'कोंदा भैरा के गोठ' ह अब किताब के रूप म आगे हावय। उंकर बताती ये किताब म 177 कड़ी ल समोखे गे हावय।
ये मउका म राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस के कम्यूनिटी हाल म प्रदेशभर के आने-आने जिला ले जुरियाए साहित्यकार मन छत्तीसगढ़ी भाषा बर चिंता करत आनी बानी के गोठ गोठियाइस। आयोग कोति ले छपे कई ठी किताब के विमोचन तको होइस। आखिर म काव्यपाठ के आयोजन करे गे रिहिस जेमा प्रदेशभर के जुरियाए कवि/गीतकार/साहित्यकार मन कविता पाठ करिस।
"अंजोर" शीर्षक ले छत्तीसगढ़ी समाचार बेब पोर्टल के उदिम ले मनखे मन के बीच म छत्तीसगढ़ी भाखा हर जरुर बगरही ...
जवाब देंहटाएंजय जोहार...
जय छत्तीसगढ़