छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला के चिरमिरी विकासखंड के जगन्नाथ मंदिर एक आकर्षक जगह हावय। ये मंदिर एक छोटे पठार के ऊपर बनाये गे हावय अउ दिखे म विश्वविख्यात पूरा जगन्नाथ मंदिर के समान लागत हावय। अपन सुंदर वास्तुकला अउ डिज़ाइन के सेती ये मंदिर देखइया अउ दरस करइया ल आकर्षित करत हावय। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर ले लगभग 300 किलोमीटर के दूरी म स्थित ये मंदिर एक आसानी ले पहुँचे योग्य पर्यटन जगह हावय।
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य ले भरपूर हावय, जेमा कई झरना, वन्यजीव अभ्यारण अउ मनोरंजन पार्क हावयं। उहें जगन्नाथ मंदिर अपन अद्भुत डिजाइन अउ ऐतिहासिक महत्ता के खातिर पूरा राज्य म परसिध हावय। ए मंदिर बनाये के बुता साल 1982 म महंत गणपत परिमाराय डहर ले सुरू करे गे रिहिस अउ 2006 म प्राण-प्रतिष्ठा के संग आम जनता ल समर्पित करे गिस।
चिरमिरी म जगन्नाथ मंदिर
ये मंदिर बिसेस रूप ले ओडिशा ले आए उत्कल समाज के लोगन के भावना ले जुरे हावय, पूरा जगन्नाथ मंदिर के समान इहां तको एक मंदिर बनाये के संकल्प लिस। ताकी बार-बार पूरी जाये के जरूरत नी परे, इही उद्देश्य ले चिरमिरी म जगन्नाथ मंदिर के बनाये गिस। ये मंदिर चिरमिरी ब्लॉक के पोंडी नामक गांव म हावय। मंदिर के बाहरी दीवार म देवी-देवता के सुंदर प्रतिमा उकेरे गे हावयं, जेन येकर धार्मिक अउ कलात्मक महत्ता ल बढ़ात हावयं। मुख्य प्रवेश दुवार म भैरव बाबा अउ महावीर हनुमान जी के मूर्ति स्थापित हावयं, जेन एला धार्मिक दृष्टि ले अउ तको पबरित बनात हावयं। प्रवेश दुवार म गरुड़ के मूरति स्थापित हावय, जेन भगवान विष्णु के वाहन के चिन्हारी हावय। गर्भगृह म भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा अउ बलभद्र के अद्भुत प्रतिमा स्थापित हावयं।
रथयात्रा (गुण्डिचा यात्रा)
मंदिर म हरेक साल महाशिवरात्रि, रथयात्रा (गुण्डिचा यात्रा) अउ दुनों नवरात्र म बड़का मेला के आयोजन होवत हावय। ये मउका म बिसेस पूजा-अर्चना, भंडारा अउ जसगीत के आयोजन करे जाथे। तिहार मन के बखत दरस करइया के बड़े संख्या इहाँ एकट्ठा होंत हावय ये जगन्नाथ मंदिर न सिरिफ एक धार्मिक जगह हावय, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन जगह के रूप म पहचान हावय। येकर सुंदरता अउ अदूसरइया प्राकृतिक छटा छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक अउ धार्मिक विरासत ल दर्शाती हावय। चिरमिरी के जगन्नाथ मंदिर राज्य के समृद्धि, विविधता अउ धार्मिक आस्था के एक उत्कृष्ट उदाहरण हावय।
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