रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला म स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ल यूनेस्को डहर ले विश्व धरोहर जगह के प्रारंभिक सूची म सामिल करे गे हावय, जेन राज्य के खातिर एक ऐतिहासिक अउ गर्व के क्षण हावय। ए नामांकन ले छत्तीसगढ़ के जैव विविधता अउ प्राकृतिक धरोहर ल वैश्विक पहचान मिले के संग ही ए क्षेत्र के संरक्षण अउ विकास के दिशा म नवा मउका खुलेंगे।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान लगभग 200 वर्ग किमी के क्षेत्र म फैलेे हावय अउ ये जैव विविधता के खजाना माने जाथे। ए क्षेत्र म उगने वाला दुर्लभ वनस्पति अउ जीव के संग-संग इहां के जुन्ना जंगल अउ पहाड़ी इलाका बिसेस रूप ले उल्लेखनीय हावयं। कांगेर घाटी, जिहां पहाड़ी मैना जइसे दुर्लभ चिरई मन के प्राकृतिक घर हावय, ए क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र के अनमोल धरोहर ल दर्शात हावय।
येकर अलावा, कांगेर घाटी म स्थित कोटमसर गुफा, जेन लाख साल जुन्ना हावयं, ए क्षेत्र के ऐतिहासिक अउ पुरातात्विक महत्ता ल रेखांकित करत हावयं। ये गुफा म जुन्ना चित्रकला अउ भित्तिचित्र पाए गे हावयं, जेन जुन्ना सभ्यता अउ उंकर जिनगी के बारे म जरूरी जानकारी दे हावयं।
यूनेस्को के विश्व धरोहर जगह के सूची म कांगेर घाटी के नाम सामिल होना छत्तीसगढ़ के खातिर एक गर्व के विषय हावय, जेन राज्य के जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र अउ सांस्कृतिक धरोहर के वैश्विक पहचान ल मजबूत करही। येकर संग ही, ये राज्य म पर्यावरणीय संरक्षण अउ इको-टूरिज्म के खातिर नवा रद्दा खोलही।
कांगेर घाटी के ए ऐतिहासिक नामांकन ल लेके छत्तीसगढ़ सरकार अउ स्थानीय समुदाय ह खुसी व्यक्त के हावय अउ एला राज्य के खातिर एक नवा दिशा के संकेत माने हावय। अब, ए क्षेत्र के संरक्षण, विकास अउ स्थानीय समुदाय के फायदा के खातिर कई जरूरी योजना मन म काम सुरू होही।
कांगेर घाटी के यूनेस्को के विश्व धरोहर जगह के प्रारंभिक सूची म सामिल होना न सिरिफ छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि पूरा देश के खातिर गर्व के सेती हावय, काबर के ये क्षेत्र अब वैश्विक स्तर म अपन पहचान बनाही।
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