फागुन मेला तीसरइया दिन म नाच मांडनी रस्म करे गिस। एमे डोली वापसी के बाद साड़ी ले ढके चांवल अउ चंदन के लकड़ी ल दू टोकरी म भण्डारी अउ तुड़पा (सेवादार) लेके रतिहा 10 बजे मोहरी बाजा के थाप म बारह लंकवार, पडि़हार, मांझी-चालकी अउ सेवादार मेंढ़का डोबरा मैदान के देव विश्राम मंदिर म जाथे। जिहां मोहरी बाजा के थाप म कलार अउ कुम्हार समाज सदस्य मन डहर ले मंदिर के आंगन म नृत्य करे जाथे। जेकर बाद ये टोकरी मन ल लेके मंदिर वापस पहुंचथे अउ मंदिर के आंगन म फेर कलार अउ कुम्हार समाज के सदस्य मन डहर ले नृत्य करे जाथे। अंत म टोकरी म रखे चाउंर ल बाजा वादक मन म बाट करके कार्यक्रम समापन करे जाथे। येकर संग ही चौथा दिन लम्हामार कार्यक्रम आयोजित होही।
बस्तर फागुन मेला के तीसरइया दिन होइस नाच मांडनी के रस्म..., विस्तार ले जानव का होथे 'नाच मांडनी'
मार्च 07, 2025
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